शर्म और चुप्पी होगी ख़त्म जब हम बहनें होंगी संग

शर्म और चुप्पी होगी ख़त्म जब हम बहनें होंगी संग

हमारा समाज ​जितना स्वच्छ और सुरक्षित पुरुषों के लिए है उतना महिलाओं के लिए नहीं है। ​खासतौर पर औरतों के शरीर और स्वास्थ्य को लेकर। औरतों को प्रत्येक महीने ​मासिक धर्म के चक्र से होकर गुजरना पड़ता है ​जहाँ शारीरिक पीड़ा के साथ उसे तमाम सामाजिक पीड़ा भी सहनी पड़ती है। भारत...