माइंस मिनरलस एंड पीपल (mm&P) के चेयरमैन डॉ. आर. श्रीधर के तत्वाधान मे तृतीय राष्ट्रीय कोयला एवं थर्मल पावर सम्मेलन का दो दिवसीय रास्ट्रीय सेमिनार 16-17 अक्तूबर, 2014 को दुमका ज़िला मे सम्पन्न हो गया। सेमिनार मे तकरीबन 200 लोगो ने हिस्सा लिया। सेमिनार मे मुख्य रूप से आठ प्रस्ताव पारित किए गए। काठीकुंड मे आमगाछी मे प्रस्तावित पावर प्लांट के खिलाफ विस्थापन विरोधी आंदोलन चलाने वाले आंदोलनकारियों व ग्रामीणो पर हुई पुलिस फायरिंग की सीबीआइ जांच की मांग की। क्षेत्र के पचुवाड़ा सहित विभिन्न कोल परियोजनाओ मे आंदोलन करने वालों पर किए गए मुकदमा वापस ले। जिन्हे क्षति पहुची है, उन्हे मुवाबजा प्रदान करने का प्रस्ताव दिया। डीवीसी के विस्थापितों की जगह गैर विस्थापितों को नौकरी दे दी गयी। इसकी भी सीबीआइ जांच का प्रस्ताव पारित किया गया। रद्द किए गए कोल ब्लॉक के साथ-साथ उनके लिए वन एवं पर्यावरण सहित अन्य कीलियरंस देने की प्रक्रिया पर रोक लगाने की मांग से जुड़े प्रस्ताव पारित किए गए। भारत व चीन विश्व के 86 प्रतिशत कोयले का उपभोग कर रहे है। जिससे आज चीन मे 1.60 करोड़ रोजगार घटा है। हम इस तरह से ऊर्जा से साधनो उद्योगों को बढ़ावा देते रहें तो देश की यही स्थिति हो जाएगी। डॉ. आर. श्रीधर ने बताया कि बिना विस्थापन के विकास का प्रस्ताव पारित किया जाए। जिसमे पर्यावरण का किसी भी प्रकार से क्षति न हो। सुप्रीम कोर्ट मे जो कोल ब्लॉक रद्द किए है। उसका सभी प्रस्ताव रद्द किए जाए। जिसमे भू-अर्जन पर्यावरण आदि प्रस्ताव शामिल है। दो दिवसीय सम्मेलन मे दक्षिण अफ्रीका से आई त्रुसा रेड्डी ने विश्व मे हो रहे कोयला दोहन के बारे मे लोगो को अवगत कराया। तथा भारत के अलग-अलग राज्य से आए प्रमुख लोगों ने हो रहे कोयला दोहन के बारे मे लोगो को जागरूक किया। और जागरूकता अभियान आगे भी लगातार चलता रहेगा।
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