कोटागुंजापुर में दस्तक महिला समूह की महिलाओं की बैठक में शामिल हुआ यी पुराने महिला स्व-सहायता समूह की महिलायें हैं जिनके समूह किसी कारणबस बंद हैं और वह पुन: अपने समूह को एक्टब करना ताहती हैं, ज्योति गौंड ने प्रस्ताव रखा कि अभी ऑवला का समय चल रहा है हम सब महिलाओं को कुछ ऑवला इकट्ठा करके मुरब्बा बनाकर बेचने का प्रयास करना चाहिए जिससे हम महिलाओं के लिये रोजगार के साधन बड सकें, फूला बाई ने पूंछा कि ठीक है हम मुरब्बा बना लेंगे फिर बैंचेंगे कहॉ तो सिया बाई ने कहा कि पन्ना और खजुराहो में बात करके देख सकते हैं और किराना विसादखाने की दुकानों में भी रखकर बेचने का प्रयास करेंगे । इस पर ज्योति ने सुझाव दिया कि हम छोटे स्तर से शुरूआत करके देखते हैं सभी महिलाओं ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि 2-2 किलो आंवला सभी महिलायें इकट्ठा करेंगी और सिया बाई के यहॉ मुरब्बा बनाने की प्रक्रिया शुरू करेंगे।
हमने मार्केटिंग के लिए इन्विरानिक्स ट्रस्ट दिल्ली के डायरेक्टर ट्रस्टी डॉ. राममूर्ति श्रीधर जी से बात कि तो उन्होने कहा कि जो भी मुरब्बा महिलायें तैयार करेंगी हम लेकर उसे मेहनतकश गुरुप के माध्यम से और उसका एक ब्रान्ड बनाकर मार्केटिंग करने में मदद करेंगे।
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