पन्ना। मौजूदा वैश्विक महामारी कोरोना ने समूची दुनिया का ध्यान प्रकृति और पर्यावरण संरक्षण की ओर आकृष्ट किया है। विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर पर्यावरण संरक्षण के प्रति लोगों में जागरूकता पैदा करना आज की महती आवश्यकता बन गई है। ऐसे मौके पर मध्यप्रदेश के पन्ना टाइगर रिजर्व का अकोला बफर क्षेत्र का उजड़ा हुआ जंगल एक मिसाल बन चुका है। जो महज ढ़ाई साल में समुचित देखरेख और संरक्षण से न सिर्फ हरा-भरा हुआ है अपितु यह जंगल अब बाघों और वन्य प्राणियों का पसंदीदा रहवास बन गया है।
उल्लेखनीय है कि जिला मुख्यालय पन्ना से लगभग 16 किमी दूर आबादी क्षेत्र से लगे अकोला बफर का उजड़ा जंगल बाघों का घर बनेगा, ढाई वर्ष पूर्व इसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी। लेकिन अवैध कटाई व मवेशियों की अनियंत्रित चराई में अंकुश लगाये जाने पर अकोला बफर क्षेत्र के जंगल में जिस तरह का बदलाव आया है उसे देख लोग चमत्कृत हैं। पिछले ढ़ाई साल पूर्व तक यहां सब कुछ अव्यवस्थित और उजड़ा हुआ था। बड़े पैमाने पर अवैध कटाई होने तथा हजारों की संख्या में मवेशियों की हर समय धमाचौकड़ी मची रहने के चलते यह पूरा वन क्षेत्र उजड़ चुका था, दूर-दूर तक हरियाली के दर्शन नहीं होते थे। जहां-तहां बांस के लगे भिर्रे व बड़े वृक्ष ही यह इंगित करने का प्रयास करते थे कि यह वन क्षेत्र है।
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